
रायगढ़ न्यूज, छत्तीसगढ़ के सरगुजा,अंबिकापुर, बस्तर से लेकर महासमुंद, बसना सरायपाली, रायपुर, बिलासपुर, जांजगीर चांपा सहित रायगढ़ सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में बहुसंख्या में आरण्यक ब्राह्मण समाज के लोग बसते हैं। ओडिशा के संबलपुर, बोलांगीर, नवापारा, खरियाररोड, बरगढ़, झारसुगुड़ा, me भी समाज के लोगों की बहुलता है। ओडिशा और छत्तीसगढ़ सीमावर्ती आरण्यक ब्राह्मण समाज के बीच रिश्ते नाते ,लेनदेन, खानपान, संस्कार आदि सभी सामाजिक कार्यक्रमों में समरूपता और व्यवहार है। इस समाज में नई जागृति एकता अखंडता लाने विशेष महासभा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें समाज के युवा, व्यस्क, प्रबुद्धजन भाग लेंगे। समाज के प्रत्येक परिवार वर्ग को विशेष आमंत्रण दिया गया है। 01 जून को प्रातः 9बजे से एकत्रीकरण पश्चात पूजन यज्ञ, हवन, आरती, वेदपूजन, के साथ सभा सत्र प्रारंभ होंगे। सायं गोष्ठी विचार विमर्श और रात्रिकालीन सभा में नए पदाधिकारियों का मनोनयन भी किया जाएगा। दूसरे दिन 02 जून को प्रातः समाज मिलन के साथ महासभा का समापन किया जाएगा। समाज के कार्यकर्ता आचार्य पंडित कीर्तन महाराज ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आरण्यक ब्राह्मण समाज के लोग पूजा पाठ, ज्योतिष, प्रवचन से लेकर राजनीतिक और सामाजिक मंच पर अहम भूमिका निभाते हैं। आनेवाले समय में समाज विकसित होकर अपने धर्म कर्म की रक्षा करते हुए निरंतर आगे बढ़े, इसके लिए उस महासभा में समाज का अनुकूल संविधान भी बनाकर लागू किया जाएगा ताकि आनेवाली पीढ़ी समाज के सद्मार्ग पर चलकर एकता और अखंडता के साथ सामाजिक लाभ ले सकें। प्रत्येक व्यक्ति के हाथ को समाज का साथ मिलना ही सामाजिक उन्नति है क्योंकि सक्षम समाज अपने अंतर्निहित व्यक्ति को पतित असहाय होने नहीं देता। सामाजिक दायरे में जीवन यापन करने वाला व्यक्ति उच्चश्रृंखल उदंड नहीं हो सकता जिससे घर, गांव समाज और देश अनुशासित होकर शांति और सौहार्द्र कायम रहता है ।
इस आयोजन को संपन्न कराने में ग्राम भीखमपुरा और क्षेत्र के सामाजिकजन बहुत तन्मयता से जुटे हुए हैं। निवर्तमान अध्यक्ष श्री चैतन्य प्रसाद नायक, कोषाध्यक्ष श्री प्रेमशंकर पाढ़ी,महासचिव श्री प्रदीप पाणिग्राही ने समाज के लोगों को शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए आव्हान किया है।